जंगल की घाटी में एक हिरण रहता था,
उसका सींग का गौरव आकाश के तारे जैसा ऊँचा था ।
सभी साज़ों के बीच वह अलग नज़र से देखता था ,
अपने सींग की सुंदरता से सुन्दरता चमकाता था।
वह चालबाजी में भी बोलता था ,
दौड़ते-दौड़ते वह अपनी साख रोकदेता था ।
एक दिन आया जंगल का शिकारी,
सींग का शौक उसका मन भाया था।
चुपके से उसने हिरण का पीछा किया,
हिरन ने जवाब दिया था।
"तुम शिकार नहीं, मेरे दोस्त हो सकते हो,
अगर दिल से मेरी दोस्ती चाहिए तो।"
शिकारी ने हिरण को पकड़ लिया था,
हिरन ने फिर से सींग उठाया और जवाब दिया।
"तुम कितने भी पकड़ो, मेरे टुकड़े नहीं छीन सकते,
मेरे अंदर की ताकत से बड़ी कोई और नहीं बन सकती।"
शिकारी ने मन को हरा दिया और हिरन को छोड़ दिया,
क्योंकि उसके सींग ने रोनक दिखायी थी।
हिरन फिर से अपने दोस्तों के पास वापस आया,
और सभी ने उनका साथ दिया और उनका सम्मान किया।
इस कहानी से हमें सीखें,
कि दोस्ती की नहीं, जज्बातों की क़ीमतें जानी चाहिए।
ECHO-एक गूँज
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