*GOOD Morning*
*ECHO- एक गुंज*
काश, जिंदगी सचमुच किताब होती
काश, जिंदगी सचमुच किताब होती,
पढ़ सकता मैं कि आगे क्या होगा?
क्या पाऊँगा मैं और क्या दिल खोयेगा?
कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा?
काश, जिंदगी सचमुच किताब होती,
तो फाड़ सकता मैं उन पन्नों को
जो मुझे दुख देते हैं,
जो मुझे याद दिलाते हैं
मेरे अतीत की गलतियों को।
काश, जिंदगी सचमुच किताब होती,
तो लिख सकता मैं उन पन्नों को
जो मेरे सपनों को दर्शाते हैं,
जो मेरे लक्ष्यों को बताते हैं,
जो मुझे बताते हैं
मेरी जिंदगी का मतलब क्या है।
लेकिन जिंदगी किताब नहीं है,
यह एक यात्रा है,
एक रोमांच,
एक चुनौती।
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