Saturday, 14 October 2023

OSHO

 

OSHO-

एक कुर्सी, एक माइक्रोफोन, एक आवाज, एक विषय और एक व्यक्तित्व, अगर हजारों, लाखों लोग अस्तित्व का आनंद लेने के लिए एक साथ आते हैं, तो यह केवल ओशो ही हैं।

☝️ कुछ 'भाई-बहन' ब्रह्मचर्य, सेक्स, संगीत, महिलाओं, रिश्तों को जानने की बात करते हैं। लेकिन ओशो  कहते हैं कि पहले हर चीज का आनंद लो और फिर उसे जानो।


☝️ कुछ 'भाई-बहन' कहते हैं कि ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करो और उससे डरो। लेकिन ओशो ने उन्हें स्वयं परमात्मा से प्रेम करना सिखाया।


☝️ कुछ 'भाई-बहन' रिश्तों के बंधनों से मुक्त होकर योगी बनने की बात करते हैं। लेकिन ओशो  रिश्तों के कोड को उपयोगी मानकर प्रयोगात्मक होने की बात कहते हैं।


☝️ कुछ 'भाई-बहन' केवल 'अपने विचारों' के मालिक होते हैं। लेकिन ओशो  हर किसी को अपने विचारों को विकसित करने का 'मास्टर' देते हैं।


☝️ कुछ 'भाई-बहन' कहते हैं कि "अगर तुम हमारी बातें सुनोगे, समझोगे और उन पर अमल करोगे तो तुम भी भवसागर से पार हो जाओगे।" लेकिन आचार्य ओशो अंत में कहते हैं कि "मुझ पर विश्वास मत करो। लेकिन अपना खुद का समुद्री मार्ग बनाओ और उसमें तैरो।"


फिर भी, वे कहाँ जन्मे या मरे! वे 11 दिसंबर को इस ग्रह से गुजरे!


चंद्रमोहन या रजनीश कई अन्य हो सकते हैं लेकिन ओशो... केवल एक!


Born: 11 December 1931, Kuchwada
Died: 19 January 1990, Pune
Full name: Chandra Mohan Jain
Education :Having completed his BA in philosophy at D. N. Jain College in 1955, he joined the University of Sagar, where in 1957, he earned his MA in philosophy (with distinction)

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